खबर – सुभाष सिंह
फरह। फरह से करीब 7 किलोमीटर दूर और उससे भी आगे न0 छत्ती व अन्य आधा दर्जन गांव का रास्ता शाहपुर होकर गुजरता है जो आजकल मुसीबतों से भरा हुआ है।
ज्ञात हुआ कि शाहपुर से झंड़ीपुर तथा गड़ाया के लिए जाने वाले तिराहे पर जूनियर स्कूल भी है वहाँ तालाब का ओवर फ्लो का पानी निकालने के लिए तालाब से करीब 200 मी0 का नाला स्कूल तथा गड़ाया रोड़ के किनारे दूसरे अन्य तालाब में डालने के लिए खोदा गया जिसकी खुदाई की मिट्टी भी रोड़ के किनारे डाली गई ,चूँकि अब दो दिन से बरसात हो रही है ऐसे में वो मिट्टी राहगीरों के लिए परेशानी का सबब बन गयी है ।
अगर किसी व्यक्ति को देर सवेर कोई कार्य पड़ जाय या कोई मेडिकल सम्बन्धी इमरजेंसी हो तो हालात कैसे होंगे ?ये सोचने वाली बात है क्योंकि लोग दिन में तो बड़ी मुश्किल का सामना कर रास्ता पार कर पाते हैं।
जल निकासी के लिए नाले की खुदाई करीब डेढ़ महीने पहले की थी लेकिन आज तक नाला निमार्ण नहीं हो सका ।ग्रामवासियों ने बताया कि नाले का निर्माण ग्राम पंचायत से हो रहा है ।रास्ता सही कराने और नाला निर्माण जल्दी कराने को खण्ड विकास अधिकारी से शिकायत भी की लेकिन खण्ड विकास स्तर पर कोई सुनवाई नहीं हुई जिससे रास्ते के हालात ऐसे बने हुए हैं।
शाहपुर का एक मजरा खैरेट भी है उस गांव के लोग भी परेशान हैं और बार बार इस रास्ते की समस्या का निदान चाहते हैं।
दो वर्ष पूर्व पीडब्ल्यूडी से करीब 7 किमी लम्बी रोड़ का निमार्ण कराया गया परन्तु रोड़ 5 वर्ष तो क्या कुछ दिन बाद ही टूट गया आखिर सरकार क्यों इस तरह के ठेकेदारों की खबर नहीं लेती (जबकि प्रत्येक सड़क निर्माण के टेंडर में 5 वर्ष तक रोड़ खराब होने पर ठेकेदार की जिम्मेदारी होती है।) कौन जिम्मेदार है सड़क टूटने का? निर्माण में घटिया माल या गांव के लोगो का कसूर ?बहरहाल इस गम्भीर समस्या के लिये ग्राम पंचायत स्तर पर ग्राम प्रधान व सचिव तथा खण्ड विकास अधिकारी को संज्ञान लेना चाहिए, और नाले के निर्माण में तेजी लाकर जल्द ही कार्य को पूर्ण कराया जाना चाहिए। नहीं तो इस तरह से निकलने वाले राहगीरों के साथ कब क्या हादसा हो जाय भगवान ही जानता है इस तरह रोड़ पर सुरक्षित निकलना मुश्किल ही रहेगा।
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